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भारत सरकार द्वारा "अखण्ड हिन्द फ़ौज" ( अखण्ड हिन्द फाउंडेशन ) संस्थान को 12A, 80G प्राप्त है , यदि किसी सज्जन या समूह द्वारा दान स्वरूप आर्थिक मदद करने पर INCOME-TAX में नियमानुसार पूरी तरह छूट प्राप्त कर सकते हैं|
अखण्ड हिन्द फ़ौज के संस्थापक:
राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी
अखण्ड हिन्द फ़ौज की स्थापना:
23 जनवरी 2007 (Officially Registered on 2018)
अखण्ड हिन्द फ़ौज के निर्देशक:
राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी
अखण्ड हिन्द फ़ौज का कार्यक्षेत्र:
संपूर्ण भारतवर्ष एवं पौराणिक भारत और आर्यावर्त क्षेत्र
अखण्ड हिन्द फ़ौज के प्रेरणास्रोत/मार्गदर्शक:
- भारतमाता के पुत्र महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, आजाद हिन्द फौज के सेनापति, महान क्रांतिकारी आदरणीय सुभाषचंद्र बोस
- अखंड भारत के प्रणेता आचार्य चाणक्य (विष्णु गुप्त जी)
परिचय / Introduction:
अखण्ड हिन्द फ़ौज एक पुलिस मित्र संगठन है, रजिस्ट्रीकरण संख्या IN-UP42963370700935W विनिर्मित है| जो राष्ट्र सेवा समाज सेवा के महत्व को आगे बढ़ाते हुए तन मन धन से राष्ट्र को समर्पित है, इसका उद्देश्य छात्र-छात्राओं में प्रखर देशभक्ति से ओतप्रोत विशेष प्रकार के कार्यक्रमों का संचालन करना, आत्मनिर्भर बनाना, सर्वांगीण विकास करना ,सैनिक रीति नीति व प्रारंभिक सैन्य प्रशिक्षण प्रदान करना हैl
क्रियाकलाप:
साप्ताहिक परेड, सैन्य प्रशिक्षण शिविर, परेड, जूडो कराटे, बल्ली बैलेंस, रस्सी के सहारे नदी खाई को पार करना, सुरंग से निकलना एवं सैनिक रीति नीति, अनुशासन, घोष (आर्मी बैंड), प्रशिक्षण शिविर, देश भ्रमण, ऐतिहासिक, सामरिक धार्मिक, युद्ध स्थल एवं बॉर्डर एरिया इत्यादि एवं योग कार्यक्रम, स्वच्छता अभियान, पौधारोपण कार्यक्रम, शासन प्रशासन पुलिस का सहयोग, भीड़ नियंत्रण एवं सामाजिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग करता है
अखण्ड हिन्द फ़ौज राष्ट्रीय कार्यकारिणी
- निर्देशक - राजेंद्र त्रिपाठी (समाजसेवी)
- अध्यक्ष/ संयोजक - डॉ. ओम प्रकाश अवस्थी (प्रोफ़ेसर)
- उपाध्यक्ष - महेश सिंह (शिक्षक)
- प्रबंध ट्रस्टी - गिरीश बाजपेई (समाजसेवी)
- कोषाध्यक्ष - श्रीमती भाग्यवती देवी (शिक्षिका)
- सचिव/मंत्री - श्रीमती वेदवती मिश्रा
- मीडिया प्रभारी - साकेत मिश्रा
- कानूनी सलाहकार - एड. श्री राम निषाद
- ऐ एच एफ प्रचारक - [1]धीरज पटेल, [2] नरेंद्र प्रजापति, [3] हिमांशु तिवारी
प्रस्तावना:
जैसा की आप सभी जानते हैं की वर्तमान में विद्यालयों में प्रचलित शिक्षा पद्धति अंग्रेज गवर्नर "लार्ड मैकाले", द्वारा प्रायोजित है,
जिसने अपने भाषणो में कहा था कि "मेरी शिक्षा पद्धति जिस देश में ५० साल तक चल जाए वह देश आतंरिक रूप से हमारा गुलाम ही रहेगा"|
भारत में यही शिक्षा पद्धति ६५ सालों से चलायी जा रही है|आज के युग में हम अपने बच्चों को बाबु, पैसे वाला, नौकरी वाला, अधिकारी
इत्यादि तो बना सकते है| परन्तु क्या वह राष्ट्र भक्त होगा? इसमें संदेह है|
अतः "संस्थान" के अखण्ड हिन्द फ़ौज का यह प्रयास है कि प्रत्येक नागरिक में बचपन से ही शिक्षा के साथ- २ उनमे देशभक्ति व
क्रन्तिकारी भावना का विकास हो, व भारतीय संस्कृति व सभ्यता में पला बढ़ा व्यक्ति अपने जीवन मूल्यों को समझे और राष्ट्र को समर्पित हो|
अखण्ड हिन्द फ़ौज विशेष रूप से बच्चों में कैरियर के प्रति उत्साह व शारीरिक, मानसिक, व बौद्धिक विकास हेतु
कार्यरत है| बच्चों में शिक्षा के साथ -२ विशेष प्रकार के सैन्य प्रशिक्षण कैम्प जैसे - जुडो कराटे, कंप्यूटर ज्ञान, तैराकी, ड्राइविंग,नत्र्य, संगीत, मैजिक,
वादन, गायन, योग के साथ -२ ऐतिहासिक, सामरिक, धार्मिक, राजनैतिक, स्थलों का भ्रमण, देश भ्रमण, मीटिंग, सेमीनार के माध्यम से
देश के प्रति आत्म समर्पण व त्याग, बलिदान की भावना का विकास करना है|
हमारा उद्देश्य है कि अखण्ड हिन्द फ़ौज द्वारा प्रशिक्षित बच्चे भविष्य में किसी भी विभाग में, सेना में, पुलिस में, या गुप्तचर विभाग में, सरकारी व
गैर सरकारी प्रकल्पो में कहीं भी हो उसके मन में सदैव देश के प्रति आत्मीयता का भाव, देश के प्रति चिंतन मनन का भाव हमेशा बना रहेगा, एवं वह
देश के किसी भी हिस्से में हो अपने आस- पास स्थित सभी स्थान, व्यक्ति पर नज़र रखेगा व किसी भी प्रकार की अनहोनी या आतंकी घटनाओ की
पूर्व सूचना प्रशासन तक पहुंचा सकेगा|
हम जानते है कि आप/हम जिस रास्ते में चल रहे है, वह मार्ग कंटकों से भरा हुआ है, कठिन है, मार्ग में अनेको बाधाओं, प्रलोभनों व भय को
पार करते हुए अपने मार्ग पर तत्पर रहने व आगे ही आगे बढते रहने का संकल्प दोहराते हैं| आप सभी हमारा व हमारे इस प्रयास का
तन, मन, धन से पूर्ण सहयोग करेंगे इसी अपेक्षा व प्रत्याशा के साथ जय हिंद! जय भारत! वन्देमातरम!
एएचएफ केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल / संरक्षक समिति
राष्ट्रीय संरक्षक
- परम पूज्य जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज ( तुलसी पीठ चित्रकूट धाम) (महामहिम राष्ट्रपति द्वारा पदम विभूषण से सम्मानित)
- जियर स्वामी श्री रामानुजाचार्य त्रिदंडी स्वामी करपात्री जी महाराज ( अयोध्या धाम )
- श्री मदन गोपाल दास जी महाराज (कामदगिरि प्रमुख द्वार चित्रकूट धाम)
- आदरणीय श्री कौशल्यानंद गिरी टीना मां (दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार महामण्डलेश्वर किन्नर अखाड़ा प्रयागराज)
- श्रीमान उमाशंकर पांडे जी (महामहिम राष्ट्रपति महोदय भारत सरकार द्वारा पद्मश्री से सम्मानित)
- आदरणीय मधुराम जी भाई साहब (कार्यकारी संरक्षक)
- आदरणीय अजय जी भाई साहब (अखण्ड हिन्द फ़ौज घोष के जनक)
- आदरणीय अखंड प्रताप जी भाई साहब(कार्यकारी संरक्षक)
- महंत श्री दिव्य जीवन दास महाराज जी (दिगंबर अखाड़ा चित्रकूट धाम)
- आदरणीय श्रीमान अजीत गुप्ता जी
- आदरणीय विजय शंकर बबेले जी(राष्ट्रपति द्वारा विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित पूर्व कमोडोर भारतीय नौसेना)
- आदरणीय शंभूनाथ विश्वकर्मा जी (सेवानिवृत कर्नल भारतीय थल सेना)
अपेक्षा:
आपको ज्ञात होगा कि भारतीय लोकतन्त्र और भारतवर्ष आतंरिक और बाह्य आसुरक्षा से घिरा हुआ है| राष्ट्रीयता, अखंडता, एकता हमारी प्राथमिक
राष्ट्रीय आवश्यकता है| "संस्थान" अखण्ड हिन्द फ़ौज द्वारा बच्चों, किशोरों,
व युवाओं में देश भ्रमण, मीटिंग, सेमिनार के माध्यम से देश राष्ट्र की आतंरिक सुरक्षा व्यवस्था को सुद्रढ़ बनाये रखने के लिए प्रत्येक नागरिक
इस ओर सक्रिय व उन्मुख हो, यह आवश्यक ही नहीं आपरिहार्य भी है| अतः राष्ट्र की प्रवर्तमान सुरक्षा शक्ति को परिदृढ करने एवं मात्रभूमि के प्रति
आप सब का तन-मन-धन से पूर्ण सहयोग की अपेक्षा व प्रत्याशा है|
राष्ट्राय स्वाहा: इदं न मम्! जय हिंद
निर्देशक |
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अखण्ड हिन्द फाउंडेशन - अखण्ड हिन्द फ़ौज |
मंगल वचनम् (शुभं भवतु कल्याणम्)
कर्ण्वन्तो विश्वमार्यम
- जैसी महत सदभावनाओं को साथ लिए हुए नवनिहाल छात्र-छात्राओं को संस्कृति संस्कारिता आन्जस्विता मानवीय सत्प्रवत्तियों
सहित राष्ट्र के सजग प्रहरी बनने का प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है|
संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राएं- बौद्धिक सम्पदा संपन्न आत्मवान तथा इस देश के श्रेष्ठतम नागरिक बने|
मंगलकामनाओं सहित
अध्यक्ष |
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डा. ओम प्रकश अवस्थी |
आज़ादी के पूर्व तीन सालों में अंग्रेजों ने इस देश को गुलाम बनाने, क्लर्क बनाने की शिक्षा ही दी| वह शिक्षा कम ज़हर अधिक था,
उसने भारत की (इस देश की प्रतिभा) को विषाक्त कर दिया| उस शिक्षा ने भारत में बुद्धिजीवी नहीं बल्कि क्लर्क, स्कूल मास्टर,
स्टेशन मास्टर, पोस्ट मास्टर, थानेदार, अखबार नवीश, मुंशी पैदा किये| जिनके पास आत्म सम्मान या आत्म गौरव जैसी कोई
भी बात नही|
यह इस देश का दुर्भाग्य है कि चन्द अपवादों को छोड़कर शेष बुद्धिजीवी, पत्रकारों और संस्थाओं ने भौतिक सुविधाओं और कुछ
निस्सार प्रलोभनों के खातिर खुद को बेच दिया|अखण्ड हिन्द फ़ौज के द्वारा विशेष रूप से बच्चों के लिए
चलाये जा रहे भ्रमण, मीटिंग, सेमिनार इत्यादि, के माध्यम से बच्चों में देशभक्ति की भावना का विकास व उत्साह एवं
ऐसे कई राज् जो इस देश की आज़ादी से लेकर अब तक स्वार्थी व तथाकथित, मौकापरस्त, सत्तालोलुप, शीर्ष व्यक्तियों के कारण
आने वाली पीढ़ी को अँधेरे में रखा हुआ है| अखण्ड हिन्द फ़ौज के माध्यम से बच्चों में देश के प्रति वास्तविकता और सत्यता को
जानकर भविष्य में स्वयं निर्णय लेने का साहस कर एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकेंगे| यह हमारे लिए अच्छे संकेत है|
दो शब्द:
संस्थान चित्रकूट धाम (म.प्र.) में प्रशिक्षण एवं अध्ययन से छात्र-छात्राओं को बुद्धिमान (बौद्धिक संपदा संपन्न)
बनने की शिक्षा दी जाती है, बुद्धिमान बनना बड़ी हिम्मत की बात होती है, सत्य का सच्चा खोजी ही बुद्धिमान बन सकता है,
जो सत्य को उद्घाटित करने के लिए ज़हर पीने को भी तैयार रहे|
प्रशिक्षणरत एवं अध्ययनरत छात्र-छात्राएं निश्चित समाज और राष्ट्र के सजग प्रहरी और सच्चे आत्मवान नागरिक बनेंगे|
इन्ही हार्दिक भावनाओं सहित
कोषाध्यक्ष |
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श्री मती भाग्यवती [बी.एड. , एम.एड.] |
वस्तुतः "संस्थान" स्वयं सेवी संगठन के माध्यम से राष्ट्र की एकता, अखंडता, संप्रभुता को बनाये रखने के लिए दृढ संकल्पित है|
हमारा प्रयास है कि भारतीय जीवन मूल्यों का निर्वहन करते हुए भारतीय, संस्कृति, सभ्यता में पला-बढा अभ्यर्थी तन-मन-धन
से राष्ट्र को समर्पित हो! अखण्ड हिन्द फ़ौज का प्रमुख उद्देश्य नागरिको में बाल्यावस्था
से ही राष्ट्रभक्ति का संचार कर मात्रभूमि के प्रति अपनी निष्ठा व देशप्रेम को जाग्रत कर विभिन्न सेवाओं व प्रकल्पों के माध्यम से देश के गौरव को
बढ़ाना एवं खंड-२ हुए भारत-माता के अंगों को पुनः एक कर अखंड भारत का निर्माण करना जैसे उद्देश्य सम्मिलित है|
जय हिंद! जय भारत!
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श्री मती. जामवती [बी.एड.] |
सपनो में मुग्ध होकर मत झूलो, अब वक्त आ गया है मेरे हँसते हुए फूलों|
गाड़ दो तिरंगा गगन में उछाल कर, इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल कर||
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यह तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित।
चाहता हूँ मातृभूमी अभी तुम्हे कुछ और भी दू।।
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"जिस देश का खुफिया तंत्र मजबूत हो वह कोई भी युद्ध बिना हथियारो के ही जीत लेता हैं।" - आचार्य चाणक्य
"पहले हर अच्छी बात का मजाक बनता है,फिर विरोध होता हैं और फिर उसे स्वीकार लिया जाता हैं।" - स्वामी विवेकानन्द
क्या आप जानते हैं कि राष्ट्र की आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जासूसी एजेन्सियो की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं।
खुफिया एजेन्सियो का अपना विस्तृत नेटवर्क (तंत्र) होता हैं,विशेषाधिकार के माध्यम से प्रत्येक क्षेत्र में कार्यरत हैं,एवं सभी प्रकार की गोपनीय व बारीकी जानकारी ग्रह मंत्रालय को भेजता हैं।
खुफिया एजेन्सियो का प्रमुख कार्य देश की आन्तरिक सुरक्षा को बनाए रखना हैं,एवं किसी भी प्रकार की आतंकी घटनाओ को रोकने हेतु समय रहते सम्बंधित विभाग को सतर्क करना आदी होता हैं।
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